दुनिया तर गई भव सागर से कर-२ के गुणगान |

दुनिया तर गई भव सागर से कर-२ के गुणगान |




दुनिया तर गई भव सागर से कर-२ के गुणगान |
यति , सती साधू भी तर गए पापी बने महान |

दुआ दवा कुछ काम न आई टूट गए सब भान |
युक्ति फिर कोई समझ न आई कैसे हो ये काम 
तभी कोई बोला पीछे से बस जपो राम का नाम |
दुनिया तर गई भव सागर से कर-२ के गुणगान ||1||

ले ले पत्थर खड़े थे बानर सागर के दरमियान |
तब लिख राम का नाम पत्थर तैरा दिए हनुमान 
शबरी ने प्रेम पूर्वक बेर खिला बाँध लिए भगवान् |
दुनिया तर गई भव सागर से कर-२ के गुणगान ||2||

आज हो गयी दया ‘श्याम’ पर जाग गया विश्वास |
आशीष समझ दीदार दिया तो पूरी हो गयी आस |
बन्दे तू भी अपने प्रभु पर कर ले थोडा सा गुमान |
दुनिया तर गई भव सागर से कर-२ के गुणगान ||3||

''जय श्री राधे कृष्णा ''


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