म्हारों सांवरियों गिरधारी, उभों जमुना की तीर।

म्हारों सांवरियों गिरधारी, उभों जमुना की तीर।



म्हारों सांवरियों गिरधारी, उभों जमुना की तीर।

जमुना तू सुहावणी जी, निर्मल थारो नीर।
पानी भरे पनी हारिया , ओढ़े दखनी चीर॥
म्हाने घड़ो ऊंचा ता जाज्यो। कान्हा जमुना की तीर||1||

तन चाँवल मन लापसी जी, नैना घी की धार।
परूसन वाली राधिका जी, जीमो नन्द कुमार॥
मै मनुहारां कर कर हारी। कान्हा जमुना की तीर||2||

किन राजा की डीकरी जी, कांई तुम्हारों नाम।
वृष भान की लाड़ली जी, राधा म्हारों नाम॥
म्हणे घड़ी घड़ी कांई पूछो। कान्हा जमुना की तीर||3||

कहाँ तुम्हारों सासरो जी, कहाँ तुम्हारों पीर।
गौकुल म्हारों सासरो, बरसाने म्हारों पीर॥
थांने उत्तर दे दे हारी। कान्हा जमुना की तीर||4||

सालु सांगानेर को जी, रंगियों ढोल्यो ढ़ाल।
पगां मे पायल बाझणी जी, नथड़ी भलका दार॥
म्हारे चूडले चुंप दिरावों। कान्हा जमुना की तीर||5||

चन्द्र सखी की विनती थें, सुनजो सिरजन हार।
आया शरण मे सोरा राखज्यो, भव भव रा भरतार॥
म्हाने चरणा री दासी राखो। कान्हा जमुना की तीर||6||

''जय श्री राधे कृष्णा ''


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