तीनों लोकों में है सबसे निराला ,वो कान्हा मेरे मन बसदा |

तीनों लोकों में है सबसे निराला ,वो कान्हा मेरे मन बसदा |



तीनों लोकों में है सबसे निराला ,वो कान्हा मेरे मन बसदा |
जिसके नाम से है जग में उजाला ,वो कान्हा मेरे मन बसदा |

नील वर्ण तन श्याम है जिसका ,वही श्याम मेरे मन विच बसदा |
ऐसी साँवरी सलोनी छवि वाला ,वो कान्हा मेरे मन बसदा ||१||

ये जो बाबा नन्द का छोना , जानत है कछु जादू टोना |
लूट लिया मेरा मन भोला - भला,वो कान्हा मेरे मन बसदा ||२||

तन मन धन सब तुझ पर अर्पण ,ये जीवन अपना मनमोहन |
जिसके नाम की मैं जपती हूँ  माला ,वो कान्हा मेरे मन बसदा ||३||

''जय श्री राधे कृष्णा ''


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