जितने रूप भोले तेरे देखे दुनिया भर में कही नहीं |

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जितने रूप भोले तेरे देखे दुनिया भर में कही नहीं |
जितने भक्त स्वामी तेरे देखे उतने देखे कही नहीं ||


भोले तेरा है दरबार निराला और दस्तूर भी निराला |
चाहे कोई कुछ भी माने पर तू स्वामी सबसे आला ||
तेरे जैसा दाता इस ब्रह्माण्ड और मिलेगा कही नहीं ||1||

घिरा हुआ गर कष्टों से और मिले आराम कही नहीं |
ऐसे जीवो को मिलती मुक्ति बस तेरे चरणों में यही ||
‘श्याम’ कहे तुम सा स्वामी मुझे मिलेगा कही नहीं ||2||

तेरा दर देखा दरबार भी देखा और नज़ारा बाहर का |
सपना था या थी हकीक़त जो भी था जग जाहिर था ||
जो प्रकाश था तेरे भवन में मैंने ऐसा देखा कही नहीं ||3||

''जय श्री राधे कृष्णा ''


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