
तुम उठो सिया सिंगार करो,
शिव धनुष राम ने तोड़ा है,
शिव धनुष राम ने तोड़ा है,
सीता से नाता जोड़ा है|
शीश सिया के चुनड सोहे,
टिके की छवि न्यारी है,
न्यारी न्यारी क्या कहिये ,
रघुवर को जानकी प्यारी है. ||1||
हाथ सिया के चूड़ी सोहे,
कंगन की छवि न्यारी है,
न्यारी न्यारी क्या कहिये,
रघुवर को जानकी प्यारी है. ||2||
कमर सिया के तगड़ी सोहे,
झुमके की छवि न्यारी है,
न्यारी न्यारी क्या कहिये ,
रघुवर को जानकी प्यारी है.||3||
पैर सिया के पायल सोहे,
बिछिया की छवि न्यारी है,
न्यारी न्यारी क्या कहिये ,
रघुवर को जानकी प्यारी है.||4||
संग सिया के राघव सोहे
युगल छवि अति न्यारी है,
न्यारी न्यारी क्या कहिये ,
रघुवर को जानकी प्यारी है ||5||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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