दरस दियो मेरे श्याम आज प्यारी आतम प्यासी रे
published on 12 September
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दरस दियो मेरे श्याम आज प्यारी आतम प्यासी रे ।
पल पल बीती दरद विरहकी अंग अगन जलाती रे ॥
रात-दिन तेरी याद सताती आँखें अश्क़ सुकाती रे ।
आतमको आराम ना मिलता ना नींद ले पाती रे ॥1||
तेरे बिना पिया चैन ना मिले मेरी तड़प बढ़ाती रे ।
भूल गए क्या सारे वचन दिये ना पुकार सुनाती रे ॥2||
कठिन विकट हे प्रेमकी घाटी राहें मोड़ बदलती रे ।
अस्थिर शरीर धीरज खुटी अब चल नहीं पाती रे ॥3||
भटक रही खारे भवसागर ना मै पार हो पाती रे ।
लहर भँवरमें खींची जा रही हूँ क्युँ दी है जुदाई रे ॥4||
पिया मिलनकी है आश तन मन वचन बंधाई रे ।
प्रेममग्न होके जाग रही मै तेरी शरण स्वीकारी रे ॥5||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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