तेरी मुरली की धुन सुनने मैं बरसाने से आयी हूँ ।
published on 12 September
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तेरी मुरली की धुन सुनने ,
मैं बरसाने से आयी हूँ ।
मैं बरसाने से आयी हूँ,
मैं वृषभानु की जाई हूँ ॥
अरे रसिया, ओ मन वासिया,
मैं इतनी दूर से आयी हूँ ॥
सुना है श्याम सुन्दर तुम ,
के माखन खूब चुराते हो ।
उन्हें माखन खिलने को
मैं मटकी साथ लायी हूँ ॥ 1||
सुना है श्याम सुन्दर तुम ,
के गौएँ खूब चराते हो ।
तेरे गौएँ चराने को
मैं ग्वाले साथ लायी हूँ ॥ 2||
सुना है श्याम सुन्दर तुम ,
के रास खूब रचाते हो ।
तेरे रास रचाने को
मैं गोपी साथ लायी हूँ ॥3||
सुना है श्याम सुन्दर तुम ,
के कृपा खूब करते हो ।
तेरी कृपा मैं पाने को
तेरे दरबार आयी हूँ ॥4||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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