तेरी मुरली की धुन सुनने मैं बरसाने से आयी हूँ ।

तेरी मुरली की धुन सुनने मैं बरसाने से आयी हूँ ।



तेरी मुरली की धुन सुनने ,
मैं बरसाने से आयी हूँ ।
मैं बरसाने से आयी हूँ, 
मैं वृषभानु की जाई हूँ ॥
अरे रसिया, ओ मन वासिया, 
मैं इतनी दूर से आयी हूँ ॥

सुना है श्याम सुन्दर तुम , 
के माखन खूब चुराते हो ।
उन्हें माखन खिलने को
मैं मटकी साथ लायी हूँ ॥ 1||
सुना है श्याम सुन्दर तुम ,
के गौएँ खूब चराते हो । 
तेरे गौएँ चराने को
मैं ग्वाले साथ लायी हूँ ॥ 2||

सुना है श्याम सुन्दर तुम , 
के रास  खूब रचाते  हो । 
तेरे रास रचाने को
मैं गोपी  साथ लायी हूँ ॥3||

सुना है श्याम सुन्दर तुम ,
के कृपा खूब करते हो ।
तेरी कृपा मैं पाने को
तेरे दरबार आयी हूँ ॥4||

''जय श्री राधे कृष्णा ''


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