
जहाँ ले चलोगे, वहीं मैं चलूँगा
जहाँ नाथ रख लोगे, वहीं मैं रहूँगा |
ये जीवन समर्पित, चरण में तुम्हारे
तुम्हीं मेरे सर्वश्व, तुम्ही प्राण प्यारे
तुम्हे छोड़ कर नाथ, किससे कहूँगा ||1||
ना कोई उलाहना, ना कोई अरजी
कर लो करा लो जो, है तेरी मरजी
कहना भी होगा तो, मैं तुझसे कहूँगा ||2||
दयानाथ दयनीय, मेरी अवस्था.
तेरे हाथों अब मेरी सारी व्यवस्था
जो भी कहोगे तुम, वहीं मैं करूँगा ||3||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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