आजा रे....मैं तो कबसे खड़ा तेरे द्वार

आजा रे....मैं तो कबसे खड़ा तेरे द्वार



धुन- आजा रे...परदेसी

आजा रे....मैं तो कबसे खड़ा तेरे द्वार
साँवरिया देख मुझे एक बार || टेर ||

तेरे दरस की अखियाँ प्यासी
छाई है घनघोर उदासी
करले करले बात जरा सी..ओ..आजा रे || १ ||

विनती करूँ मैं तुमसे मोहन
कहाँ छुपे हो तड़फ रहा मन
तेरे सहारे मेरा जीवन..ओ..आजा रे || २ ||

दिन दुखी के मीत कुहाते
फिर क्यों अपना नाम लजाते
कबसे बुलाऊँ क्यों न आते..ओ..आजा रे || ३ ||

" नन्दू " कब तक मेल न होगा
बोलो कब तक खेल ये होगा
दरस तुम्हारा किस दिन होगा..ओ..आजा रे || ४ ||

जयश्री राधे कृष्ण 
श्री कृष्णाय समर्पणम्

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