
धुन- तेरे मेरे बिच में
मैंने तेरी प्रीत का पहना है ये कंगन नन्दलाला
सुन मेरे कान्हाँ , सुन मेरे कान्हाँ || टेर ||
निश दिन पूजूँ तुम्हें गाऊँ तेरी गाथा
सुनले कन्हाई मेरे मन की तूँ व्यथा
तेरे सिवा कौन मेरा , है इस जहाँ में सुनने वाला || १ ||
तेरी राह देखूं मैं तो कहाँ चला जाये
याद में तेरी मेरे नैना भर आये
छोड़ा नहीं नाम मैंने , एक पल भी तेरा गोपाला || २ ||
वृक्षो से लिपटे जैसे वन की लतायें
क्यों ना मुझे तेरी रज में मिलायें
पीता है " रमेश " भी , तेरी भक्ति रस का प्याला || ३ ||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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