
धुन- मुझे तेरी मोहब्बत का
अगर दिनों का दिल टुटा , तो बदनामी तुम्हारी है
दीनबन्धु दिनजन से , सुना यारी तुम्हारी है || टेर ||
उस दिन की झोली में मोहन , फकत एक नाम है तेरा
उसी दम पर चला जाता , कहीं तो पायेगा डेरा
तूँ मालिक है त्रिलोकी का , दास अदना भिकारी है || १ ||
ज़रा सा गौर कर लो तो , हमारा काम बन जाए
तेरे भण्डार में दाता , कहो क्या फर्क पड़ जाए
भरी है खान रत्नों से , फटी झोली हमारी है || २ ||
अगर फ़रियाद सुन लोगे , तो जीवन हँस के गुजरेगा
गुजरने को तो ज्यूँ गुजरी , गुजारा दास कर लेगा
" नन्दू " सुनना या ना सुनना , श्याम मर्जी तुम्हारी है || ३ ||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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