सावन में जहाँ पर भोले का , जो भी अभिषेक कराते हैं

सावन में जहाँ पर भोले का , जो भी अभिषेक कराते हैं






धुन- सज धज कर



सावन में जहाँ पर भोले का , जो भी अभिषेक कराते हैं
वहाँ धन की बरखा होती है , सारे संकट कट जाते हैं ||



गंगा की मिट्टी से ब्राम्हण , शिव का परिवार बनाते हैं
फिर भांत भांत की रस्मों से , उनका अभिषेक कराते हैं
सब एक साथ मिल पाठ करे-२ , भोले की महिमा गाते हैं || १ ||



फूलों की लड़ियों के सारे , शिव का सिंगार सजाते हैं
घर के सारे प्राणी मिलकर , भोले की आरती गाते हैं
फिर अपनी अपनी श्रद्धा से-२ , भोले को भेंट चढ़ाते हैं || २ ||



भोले शंकर के भोग लगा , ब्राह्मण को भोज कराते हैं
दे दान दक्षना " हर्ष " उन सबका आशीष पाते हैं
तब भोले बाबा खुश होकर , उनके भण्डार भरते हैं || ३ ||


जय श्री राधे कृष्ण

 श्री कृष्णाय समर्पणम्

Previous Post
Next Post

post written by:

0 Comments: