
जरा सामने तो आओ श्यामजी, मेरी नैया पड़ी मझधार है
आज रो रो पुकारे मेरी आत्मा, एक तू ही मेरा आधार है
तेरे बिन मै पार प्रभु जी, भाव से कभी नहीं हो सकता
तेरे बिना मै इस जीवन में सुख से, सुख से कभी न सो सकता
तेरे हाथों में मेरी पतवार है, एक तू ही मेरा रखवार है ||1||
डगमग डगमग नाव ये मेरी, कभी इधर कभी उधर हिले
तेरी होवे कृपा की नजर तो, भवसागर से पार लगे
अब तू ही मेरा सरकार है, इस दिल को अब तेरा इंतजार है ||2||
गीता में जो काम किया था, उसको प्रभु जी याद करो
"बासुदेव" की बीच भंवर से, आकर नैया पार करो
इन नयनों में आंसुओं की धार है, तन मन धन तुझपे न्योछार है ||3||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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