
श्री राधारमणो जयति
साँवरो होली खेल न जाँणे,
खेल न जाणे खेलाये न जाँणे।
बन से आवै धूम मचावे
भली बुरी नहीं जाँणे।
गोरस के मिस सब रस चाखे
भोर ही आण जगावै।।1||
ऐसी रीत पर घर म्हाँणे
साँवरों होली खेल न जाँणे।
छैल छबीलो महाराज साँवरिया
दुहाई नंद की न माँणे।।2||
मीरा के प्रभु गिरधर नागर
तट यमुना के टांणे।
मेरो मन न रह गयो ठिकाँणे,
साँवरों होली खेल न जाँणे।।3||
जै श्री राधे कृष्ण
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श्री कृष्णायसमर्पणं
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