
भक्तों फूल बरसाओ। मेरी मैया जी आई है॥
भक्तों फूल बरसाओ।
मेरी मैया जी आई है॥
कोयल मीठे बोल गाओ।
भवानी मैया जी आई है॥
लगी थी आस सदियों से।
हुए हैं आज वो दर्शन॥
निभाए आज वायदे को।
पधारी है माता पावन॥
मेरे सब कष्ट हरने को।
माँ नंगे पैर आई है॥1||
करूँ कैसे तेरी पूजा।
न मन फूला समाता है॥
कहाँ जाउँ किधर देखु।
समझ में कुछ न आता है॥
मुझे रंग अपने में रंगकर ।
बढ़ाने मान आई है॥2||
ना चाहिए मुझको धन दौलत।
मैं तेरी भक्ति चाहता हू ॥
मेरे सिर पर हो तेरा हाथ।
ये वरदान चाहता हूँ ॥
अधम मुझ नींच पापी का।
करने उद्धार आई है॥3||
जै श्री राधे कृष्ण
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श्री कृष्णायसमर्पणं
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