मुझे साँवला, कन्हैया प्यारा लगे ,सारी दुनिया से, न्यारा लगे
मुझे साँवला, कन्हैया प्यारा लगे ,
सारी दुनिया से, न्यारा लगे |
वो भोली सूरतिया मन को लुभाए ,
आँखों में मस्ती का, सागर लहराए ,
हीरा मस्तक पे , वो ही सितारा लगे ||1||
कान्हा ने सारे, जगत को बनाया ,
लेकिन कन्हैया को, किसने बनाया ,
ये भेद गहरा है, इसका पता ना लगे ||2||
देखे है दुनियाँ में, लाखों नज़ारे ,
बनवारी फीके है, सारे के सारे ,
इस दिल को ,पसन्द ये नजारा लगे ||3||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्_
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