स्याम, तोरी मुरली नेक बजाऊँ |जोइ-जोइ तान भरो मुरली में, सोइ
स्याम, तोरी मुरली नेक बजाऊँ |
जोइ-जोइ तान भरो मुरली में,
सोइ सोइ गाय सुनाऊँ ||1||
हमरी बिंदिया तुमही लगाओ,
मैं सिर मुकुट धराऊँ ||2||
हमरे भूषण तुम सब पहिरौ,
मैं तुम्हरे सब पाऊँ ||3||
तुमरे सिर माखन की मटकी,
मैं मिलि ग्वाल लुटाऊँ ||4||
तुम दधि बेचन जाओ वृन्दावन,
मैं मग रोकन आऊँ ||5||
मानिनी होकर मान करो तुम,
मैं तोहे आन मनाऊँ ||6||
‘सूर’ स्याम, तुम बनो राधिका,
मैं नँदलाल कहाऊँ ||7||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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