यमुना किनारे मेरो गाँव ,सांवरे आय जइयो |जो काहना मेरो
यमुना किनारे मेरो गाँव ,
सांवरे आय जइयो |
जो काहना मेरो गाँव न जाने
गांव न जाने मेरो गाँव न जाने
बरसाने मेरो गाँव
सांवरे आय जइयो ||१||
यमुना किनारे मेरी ऊँची हवेली
मैं ब्रज की गोपिका नवेली
राधा रँगीली मेरा नाम
बंसी बजाय जइयो ||2||
फूलों के रस से तुझे नहलाऊँ
घिस घिस चन्दन माथे पे लगाऊं
पूजा करूं सुबह शाम ,
माखन खा जइयो ||3||
चन्दन का तेरा बंगला बनाऊँ
चुन चुन कलियाँ सेज सजाऊँ
जपूँ मैं तेरो नाम ,
झलक दिखलाय जइयो ||4||
देखत रहूँगी नित बाट तिहारी
जल्दी आना मेरे कृष्ण मुरारी
झांकी करेगी ब्रजनारि ,
मुस मुस्काय जइयो ||5||
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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