मैं तो श्री वृन्दावन जाउंगी,प्रिया प्रियतम को झूला झुलाऊँगी ।रेशम

मैं तो श्री वृन्दावन जाउंगी,प्रिया प्रियतम को झूला झुलाऊँगी ।रेशम






मैं तो श्री वृन्दावन जाउंगी,
प्रिया प्रियतम को झूला झुलाऊँगी ।



रेशम की डोरी का झूला बनाउं,

सोने चांदी की पटरी बनाउंगी ||1||



कदम्ब वृक्ष पर डालूंगी झूला,

सब गोपी ग्वाल बुलाउंगी ||2||



लाड़ली लाल को झूला झुलाऊं,

उन्हें निरख निरख सुख पाऊँगी ||3||



'चन्द्रसखी' भज बालकृष्ण छवि,

आनंद मंगल गाऊँगी ||4||



मन मंदिर में उन्हें बिठा कर, 

नैन के पाट लगाऊँगी ||5||




जय श्री राधे कृष्ण



       श्री कृष्णाय समर्पणम्

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