
आनंद जो लेना हो सावन में झूलो का
आंनद जो लेना हो ,
सावन में झूलो का
मेरी आँखों में हाँ
मेरी आँखों में आन बसों ,
बरसा दिखाउंगी |
सावन भी कारा है ,
और तुम भी कारे हो
तेरे नैन क्यों कारे है ,
ये मुझको बताओगे ll1ll
इस प्रेम की पाती को ,
एक बार जो पढ़ लोगे
ये मेरा वादा है,
फिर कभी न सताओगे ll2ll
जय श्री राधे कृष्ण
श्री कृष्णाय समर्पणम्
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