सखी री गोपाल सों उलझ गये ऐसो नैनजगत की सब
सखी री गोपाल सों उलझ गये ऐसो नैन
जगत की सब सुधि मोहे बिसर गयी तबसों
उलझ गये मेरो नैन
कौन सो कहूँ जाय सखी हिय के मेरो बैन
सखी री उलझ गये मेरो नैन || 1||
किस छलिया से नेह लगाय बैठी
सखी री उलझ गये मेरो नैन ||2||
एक छवि को हिय तरसे अकुलाउँ दिन रैन
सखी री उलझ गये मेरो नैन ||3||
कौन घड़ी तोसे नैन मिलाय बैठी बाँवरी
सखी री उलझ गये मेरो नैन ||4||
प्रेम मार्ग जबते चली री हृदय को नहीं चैन
सखी री उलझ गये मेरो नैन ||5||
जै श्री राधे कृष्ण
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श्री कृष्णायसमर्पणं
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