हे देव ! तुम्हारे चरणों में, हमने अतुलित सुख पाया

हे देव ! तुम्हारे चरणों में, हमने अतुलित सुख पाया










हे देव ! तुम्हारे चरणों में, हमने अतुलित सुख पाया है  

एक पल भी तुमको हे प्रभुवर, अपने से दूर न पाया है|




माया ममता के बंधन में, जब जीव तुम्हें बिसराता है

दुःख पाने पर हर अज्ञानी, कर याद तुझे पछताता है||1||




तेरे चरणों पर सर धर कर, नयनों से अश्रु बहाता है

ऐसे में करुणा के सागर, पीड़ा हर कर अपनाया है ||2||




जिसने नित तेरा ध्यान धरा, दुःख उसपर कभी न आया है

कम्पित कर से सब अर्पित कर,यह जीवन सफल बनाया है ||3||




जै श्री राधे कृष्ण


🌺

श्री कृष्णायसमर्पणं



Previous Post
Next Post

post written by:

0 Comments: