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सखी री मैं तो कारे रंग पे वारी,
वारी रे वारी रे मैं तो वारी रे,
ऐसो रंग मोपे डारो कित जाऊँ मैं बिचारी|
कारो ही कजरा कारो ही बदरा, कारो ही जमुना नीर,
कारी ही बैरन कारी कोयलिया, मारे रस के तीर ||1||
कारे कुंज में कारो ही भँवरा, कैसो मनोहारी,
कारे कान्ह की कारी कमलिया, गई मैं बलिहारी ||2||
जै श्री राधे कृष्ण
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श्री कृष्णायसमर्पणं
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