तुम आवो री,तुम आवो।।मोहनजू कों गारी सुनावो।।१।हरिकारो री हरीकारो।।यह व्दे

तुम आवो री,तुम आवो।।मोहनजू कों गारी सुनावो।।१।हरिकारो री हरीकारो।।यह व्दे






तुम आवो री,तुम आवो।।
मोहनजू कों गारी सुनावो।।१।




हरिकारो री हरीकारो।।
यह व्दे बापन विचबारो।।२।।




हरिनट बारी हरिनटवा।।
राधाजुके आगें लटुवा।।३।




हरि मधुकररि मधुकर।।
रस चाखत डोलत घर-घर।।४।।




हरि खंजन री हर खंजन।।
राधा जू के मन को ऱजन ।।५।।




हरि रंजन री हरी रंजन।।
ललिता ले आई अंजन।।६।।




हरिनागर री हरि नागर।।
जाको बाबा नंद उजागर।।७।।




हम जानरीे हम हमजाने।।
राधा मोहन गहि आने।।८।।




मुख मांडोरी मुख मांडो,
हरि हाहा खाय,तोछांडो।।९।।




हम भरिहेंरी हम भरि हें।।
काहूते नेंक न डरिहें।।१०।।




हरि होरीहो हरि होरी।।
स्यामाजु केसरी ढोरी।।११।।




हरिभावेरी हरिभावे।।
राधा मनमोद बढावे।।१२।।




रंगभीनो री रंगभीनो।।
राधा मोहन बसकीनो।।१३।।




हरिप्यारो री हरि प्यारो।।
राधा नयन को तारो ।।१४।।




हम लहेंरी हम लेहें।।
फगुवाले गारी न देहें।।१५।।




यह जस परमानंद गावे।।
कछु रहसि बधाई पावे।।१६।।


जै श्री राधे कृष्ण
🌺



श्री कृष्णायसमर्पणं

Previous Post
Next Post

post written by:

0 Comments: