जो प्रेम गली में आये नहींप्रियतम का ठिकाना क्या जाने
जो प्रेम गली में आये नहीं
प्रियतम का ठिकाना क्या जाने ।
जिसने कभी प्रीत लगाई नहीं
वो प्रेम निभाना क्या जाने ।
जो वेद पढ़े और भेद करे
मन में नही निर्मलता आयी।
वो ये चाहे जितना ज्ञान कहे
भगवान को पाना क्या जाने ।।1।।
मीरा थी दिवानी मोहन की
संसार दिवाना क्या जाने
जिस दिल में न पैदा दर्द हुआ
वो पीर पराई क्या जाने. ।।2।।
जै श्री राधे कृष्ण
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श्री कृष्णायसमर्पणं
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