श्याम माखन चुराते

श्याम माखन चुराते








श्याम माखन चुराते चुराते
अब तो दिल भी चुराने लगे हैं
कोई कह दो यशोदा से जा के 
जुल्म हम पर ये ढाने लगे हैं ।




देवकी के गर्भ से जाए
मां यशोदा के लाल कहाये
ग्वाल बालो के संग में कन्हिया
अब तो माखन चुराने लगे हैं ।।1।।




श्याम ने ऐसी बंशी बजाई
तान सखियो के दिल मे समायी
हम सुध भी नही अपने घर की 
जुल्म हम पर ये ढाने लगे हैं।।2।।




खुद तो खाते हैं माखन हमारा
मटकिया फोड़ देते हैं सारी
अब तो हद ही हुई है यशोदा
ये बन्दरो को खिलाने लगे हैं।।3।।






















जै श्री राधे कृष्ण
🌺







श्री कृष्णायसमर्पणं

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