अगर श्याम सुन्दर का सहारा ना होता, तो दुनिया में कोई हमारा ना होता।
जब से मिली है दया हमको इनकी, तो राहें बदल दी मेरी ज़िन्दगी की।
नज़ारे करम का इशारा ना होता, तो दुनिया में कोई हमारा ना होता॥
इन्ही के सहारे जीए जा रहे है, नाम का अमृत पीए जा रहे हैं।
मेरा बिगड़ा जीवन संवारा ना होता, तो दुनिया में कोई हमारा ना होता॥
कोई नहीं था दुनिया में अपना, कन्हिया से मिलना लगता है सपना।
कन्हिया ने हमको जो पुकारा ना होता, तो दुनिया में कोई हमारा ना होता॥
भवर में थी नैया, दिया है किनारा, इन्ही की कृपा से चले है गुजारा।
कृपा भरी दृष्टि से निहारा ना होता, तो दुनिया में कोई हमारा ना होता॥
जय श्री राधे कृष्ण । श्री कृष्णाय समर्पणं
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