राधा संग तेरे दर्शन पाकर मैं तेरा ही हो जाऊं
जहां-जहां तेरा होवे कीर्तन प्यार तुम्हारा बरसे
जिसके मन में नहीं आस्था वो उपहारों को तरसे
दर अपना दिखला दे ‘श्याम’ झलक तेरी मै पाऊं
तेरे चरणों में पा के मुकाम फ़र्ज़ अदा कर जाऊं
सब काम मेरे हो जाए आशीर्वाद मुझ पे तेरा बरसे
जिसके मन में नहीं आस्था वो उपहारों को तरसे
एक झलक दिखला दे ‘श्याम’ मैं तेरे गुण गाऊं
नाम तेरा ले ले कर कान्हा मैं तेरी टेर लगाऊं
मायूस कभी न हुआ कोई ‘श्याम' तेरे दर आके
जिसके मन में नहीं आस्था वो उपहारों को तरसे
मन में आस्था जगी श्याम मक्खन से भोग लगाऊं
कसर रहे न बाकी कोई तुझको दोनों हाथ खिलाऊं
प्रभु कोई कमी रहे न बाकी मन झूमे खुशियाँ बरसें
जिसके मन में नहीं आस्था वो उपहारों को तरसे
( Aaise taan suna mere mohan tujh me mai kho jau )
''जय श्री राधे कृष्णा ''
मन में आस्था जगी श्याम मक्खन से भोग लगाऊं
कसर रहे न बाकी कोई तुझको दोनों हाथ खिलाऊं
प्रभु कोई कमी रहे न बाकी मन झूमे खुशियाँ बरसें
जिसके मन में नहीं आस्था वो उपहारों को तरसे
( Aaise taan suna mere mohan tujh me mai kho jau )
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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