आरती श्रीभागवत जी की ! करत पवित्र भावना हिय की !
श्री नारायण मुख की बानी
पढ़ते ब्रम्हा और ब्रह्मानी
शंकर पार्वती सुख सुख मानी
कृष्णा कथा सुखधाम हरी की
आरती श्रीभागवत जी की ! करत पवित्र भावना हिय की !
सनकादिक से शेष बखानी
नारद मुनी परम सुख मानी
व्यास सुनी सर्वोपरि जानी
लिखी पुराण तिलक की टीकी
आरती श्रीभागवत जी की ! करत पवित्र भावना हिय की !
श्री सुकदेव व्यास ते सुनी के
कही परीक्षित नृप से गुनी के
गंगा तट सन्तन को चुनि के
ज्ञान - वैराग भगति युवती की
आरती श्रीभागवत जी की ! करत पवित्र भावना हिय की !
कथा भागवत जो नित गावे
आप सुने और को सुनावे
निश्चय कृष्णचन्द्र पद पावे
प्रेम सिन्धु रस बिन्दु अमी की
आरती श्रीभागवत जी की ! करत पवित्र भावना हिय की !
श्री नारायण मुख की बानी
पढ़ते ब्रम्हा और ब्रह्मानी
शंकर पार्वती सुख सुख मानी
कृष्णा कथा सुखधाम हरी की
आरती श्रीभागवत जी की ! करत पवित्र भावना हिय की !
सनकादिक से शेष बखानी
नारद मुनी परम सुख मानी
व्यास सुनी सर्वोपरि जानी
लिखी पुराण तिलक की टीकी
आरती श्रीभागवत जी की ! करत पवित्र भावना हिय की !
श्री सुकदेव व्यास ते सुनी के
कही परीक्षित नृप से गुनी के
गंगा तट सन्तन को चुनि के
ज्ञान - वैराग भगति युवती की
आरती श्रीभागवत जी की ! करत पवित्र भावना हिय की !
कथा भागवत जो नित गावे
आप सुने और को सुनावे
निश्चय कृष्णचन्द्र पद पावे
प्रेम सिन्धु रस बिन्दु अमी की
आरती श्रीभागवत जी की ! करत पवित्र भावना हिय की !
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