प्रेम हो तो श्री हरि से प्रेम होना चाहिए

प्रेम हो तो श्री हरि से प्रेम होना चाहिए

प्रेम हो तो श्री हरि से प्रेम होना चाहिए
जो बने विषयों का भोगी उनको रोना चाहिए

दिन बिताया ऐश और आराम में तुमने अगर
रात में सुमरन प्रभु का कर के सोना चाहिए
बीज बोकर बाग़ के फल खाये है तुमने अगर
वास्ते परलोक के भी कुछ तो बोना चाहिए

मखमली गद्दे पे सोये तुम यहाँ आराम से
सफ़र लम्बे के लिए कुछ तो बिछौना चाहिए

हरि भजन से लौ लगा जंजाल दुनिया छोड़ दे
राम भजन में आनंद हो कर मगन तो होना चाहिए
( Prem ho toh shri hari se pem hona chaiye )

''जय श्री राधे कृष्णा ''

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