अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो

अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो

देखो देखो ये गरीबी, ये गरीबी का हाल
कृष्ण के द्वार पे बिस्वास लेके आया हूँ
मेरे बचपन का यार है मेरा श्याम
यह ही सोच कर मै आस करके आया हूँ

अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो
के द्वार पे सुदामा करीब आ गया है
भटकते भटकते ना जाने कहा से
तुम्हारे महल के करीब आ गया है ||१

ना सर पे है पगड़ी ना तन पे है जामा
बता दो कन्हैया को नाम है सुदामा
तुम एक बार मोहन से जा कर के कहे दो
के मिलने सखा बद नसीब आ गया है ||२

सुनते ही दौड़े चले आये मोहन
लगाया गले से सुदामा को मोहन
हुआ रुकमणी को बहुत ही अचंभा
यह मेहमान कैसा अजीब आगया है. ||३

Are Dwarpalo Kanhaiya se kah do



जय श्री राधे कृष्णा
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