कैसे आऊं मैं तेरी नगरी
दूर नगरी बड़ी दूर नगरी
रात को आऊं कान्हा डर मोहे लागे
दिन को आऊं तो देखे सारी नगरी।
दूर नगरी बड़ी दूर नगरी ॥1
सखी संग आऊं कान्हा शर्म मोहे लागे
अकेली आऊं तो भूल जाऊं तेरी डगरी।
सखी संग आऊं कान्हा शर्म मोहे लागे
अकेली आऊं तो भूल जाऊं तेरी डगरी।
दूर नगरी बड़ी दूर नगरी ॥2
धीरे-धीरे चलूं तो कमर मोरी लचके
झटपट चलूं तो छलकाए गगरी।
धीरे-धीरे चलूं तो कमर मोरी लचके
झटपट चलूं तो छलकाए गगरी।
दूर नगरी बड़ी दूर नगरी ॥3
मीरा कहे प्रभु गिरधर नागर
तुमरे दरस बिन मैं तो हो गयी बावरी।
मीरा कहे प्रभु गिरधर नागर
तुमरे दरस बिन मैं तो हो गयी बावरी।
दूर नगरी बड़ी दूर नगरी ॥4
जय श्री राधे कृष्णा
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