Bansi wale ke charno me sar ho mera

Bansi wale ke charno me sar ho mera

बंसी वाले के चरणों में सर हो मेरा
फिर ना पूछो उस वक़्त क्या बात है।
उनके द्वारे पे डाला है जब से डेरा
फिर ना पूछो के कैसी मुलाक़ात है ॥1

यह ना चाहूँ के मुझ को खुदाई मिले
यह ना मुझ को बादशाही मिले।
ख़ाक दर की मिले यह मुकद्दर मेरा
इससे बढकर बताओ क्या सौगात है ॥2

हो गुलामी अगर आली दरबार की
यह खुदाई भी है बादशाही भी है।
दासी दर की भिखारिन बने जिस वक़्त
इससे बढकर बताओ की क्या बात है ॥3



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