अंतर क्या दोनों की चाह में बोलो
इक प्रेम दीवानी, इक दरस दीवानी
एक राधा एक मीरा दोनों ने श्याम को चाहा
राधा ने मधुबन में ढूंढा, मीरा ने मन में पाया
राधा जिसे खो बैठी वो गोविन्द मीरा हाथ दिखाया
एक मुरली एक पायल, एक पगली, एक घायल
अंतर क्या दोनों की प्रीत में बोलो
एक सूरत लुभानी, एक मूरत लुभानी
इक प्रेम दीवानी, इक दरस दीवानी ||1
मीरा के प्रभु गिरिधर नागर राधा के मनमोहन
राधा नित श्रंगार करे और मीरा बन गयी जोगन
एक रानी एक दासी, दोनों हरी प्रेम की प्यासी
अंतर क्या दोनों की तृप्ति में बोलो
एक जीत न मानी, एक हार न मानी
इक प्रेम दीवानी इक दरस दीवानी
एक राधा एक मीरा दोनों ने श्याम को चाहा ||2
0 Comments: