वाणी मे तनिक मिठास नहीं पर विनय सुनाने आया हूँ !!
मै देखूं अपने कर्मो को फिर दया को तेरी करूणा को
ठुकराई हुई मै दुनिया से तेरा दर खटकाने आया हूँ !!1
घनश्याम तुम्हारे मंदिर मे मै तुम्हे रिज़ाने आया हूँ
वाणी मे तनिक मिठास नहीं पर विनय सुनाने आया हूँ !!2
ज़रा सी बात पर बरसों के याराने गए
लो चलो अच्छा हुआ कुछ लोग तो पहचाने गए !!3
समझा था मै जिन्हें अपना सब हो गए आज बेगाने हैं
सारी दुनिया को तज के प्रभु तुजे अपना बनाने आया हूँ !!4
घनश्याम तुम्हारे मंदिर मे मै तुम्हे रिज़ाने आया हूँ
वाणी मे तनिक मिठास नहीं पर विनय सुनाने आया हूँ !!
0 Comments: