Jiski niti srestya hogi

Jiski niti srestya hogi

♨जिसकी "नीति" अच्छी होगी
उसकी हमेशा "उन्नति" होगी।

"मैं श्रेष्ठ हूँ" यह आत्मविश्वास है लेकिन,

"सिर्फ मैं ही श्रेष्ठ हूँ" यह अहंकार है.

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〽️भगवान् को स्मरण कैसे करें?

*ऐसे करो, जैसे प्यास से व्याकुल मनुष्य जल
का स्मरण करता है |

* ऐसे करो, जैसे भूख से सताया हुआ मनुष्य
भोजन का स्मरण करता है |

*ऐसे करो, जैसे घर भूला हुआ मनुष्य घर
का स्मरण करता है |

* ऐसे करो, जैसे थका हुआ मनुष्य
विश्राम का स्मरण करता है |

* ऐसे करो, जैसे भय से कातर मनुष्य शरण देने
वाले का स्मरण करता है |

* ऐसे करो, जैसे डूबता हुआ मनुष्य जीवन
रक्षा का स्मरण करता है |

* ऐसे करो, जैसे दम घुटने पर मनुष्य वायु
का स्मरण करता है |

* ऐसे करो, जैसे परीक्षार्थी परीक्षा के
विषय का स्मरण करता है |
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����जयंतु भारती य������
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