ऐसा जादू किया है तू ने, दुनियाँ मेरी बदल गई
कब दोगे तुम दरस कन्हैया, उमर तो सारी निकल गई
कब दोगे तुम दरस कन्हैया, उमर तो सारी निकल गई
दर्शन को तेरे अँखिया प्यासी, मन दिन रात तड़फता है
लख चौरासी पार किया तब, मानव जीवन पाया है
किसी जनम का पुण्य कन्हैया, तेरे दर पे लाया है
भटक ना जाउँ फिर से मोहन, पागल मन मेरा डरता है
सब देवों में मुझको कान्हा तेरा रूप ही दिखता है
कब दोगे तुम दरस कन्हैया, उमर तो सारी निकल गई
!!!!! जय श्री श्याम !!!
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