लाडले भक्तों ब्रह्मा जी जी ने जब जगत का निर्माण किया उसके बाद उसके पालन पोषण की जिम्मेदारी भगवान विष्णु की हो गई
तो भगवान विष्णु ने विचार किया कि मैं अकेले इस सम्पूर्ण जगत का पालन नहीं कर सकता
उसके बाद उन्होने एक युक्ति सोची और प्रत्येक माँ के हृदय में अपना अंश स्थापित कर दिया
माँ के दिल में एक अनोखी ममता को जन्म दिया
प्यारे बंधुओं इसी लिये संसार में माँ ही ऐसी है जो बिना किसी स्वार्थ के अपने बच्चे का पालन करती है ।
माँ के हृदय में भगवान का अंश होने के कारण वह सर्वथा पूजनीय है , बंदनीयहै , अर्चनीय है , आदरणीय है ,
माँ को किया प्रणाम भगवान विष्णु को जाता है ।
जय श्री राधे बोलना पड़ेगा ।
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