Nain mila kar mohan so

Nain mila kar mohan so

नैन मिला कर मोहन सो
वृषभानू लली मन मे मुस्कानी

भौह मरोड़ के दूसरी ओर
कछू वह घूंघट मे शर्मानी

देखी निहाल भई सजनी
वह सुरतिया मन मा ही समानी

हमे औरन की परवाह नही
अपनी ठकुरानी श्री राधे रानी
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