जादू भरी बाँसुरी बजाया ना करो ॥
सुरत तुम्हारी देख के सलोनी साँवरी
सुन बाँसुरी की राग को हम हो गयी बावरी
माखन को चुराने वाले दिल चुराया ना करो
मोहन हमारे मधुबन में तुम आया ना करो ॥1
माथे मुकुट, गलमाल, कटि में काछनी सोहे
कानों में कुंडल झुमके मन मेरे को मोहे
इस चन्द्रमा के रूप को लुभाया न करो
माथे मुकुट, गलमाल, कटि में काछनी सोहे
कानों में कुंडल झुमके मन मेरे को मोहे
इस चन्द्रमा के रूप को लुभाया न करो
मोहन हमारे मधुबन में तुम आया ना करो ॥2
अपनी यशोदा मात की सोगंध है तुमको
यमुना नदी के तीर पे तुम ना मिलो हमको
इस बाँसुरी की तान पे बिलमाया न करो
यमुना नदी के तीर पे तुम ना मिलो हमको
इस बाँसुरी की तान पे बिलमाया न करो
मोहन हमारे मधुबन में तुम आया ना करो ॥3
इसी तुम्हारी बाँसुरी ने मोहिनी डारी
चन्द्र सखी की बिनती तुम सुनियो बनवारी
दरस दिखा दे साँवरा देर ना करो
इसी तुम्हारी बाँसुरी ने मोहिनी डारी
चन्द्र सखी की बिनती तुम सुनियो बनवारी
दरस दिखा दे साँवरा देर ना करो
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