श्याम मग्न हो नाँचू बावरिया ।।
श्याम सपनोँ मेँ आके मिल जब मुझे ।
बोले चाँदी या सोना चाहिए तुझे ।
मैँ ये बोला प्रभु , ये ना चाहिए कछु ।
बस चरणोँ का रख लो चाकरिया ।
ओढीँ श्याम नाम की चादरिया ।
श्याम मग्न हो नाँचू बावरिया ।।1
मन के मन्दिर मेँ आके बसोँ मेरे श्याम ।
पाके खुशबू तेरी महकूँ जग मेँ तमाम ।
बोले चाँदी या सोना चाहिए तुझे ।
मैँ ये बोला प्रभु , ये ना चाहिए कछु ।
बस चरणोँ का रख लो चाकरिया ।
ओढीँ श्याम नाम की चादरिया ।
श्याम मग्न हो नाँचू बावरिया ।।1
मन के मन्दिर मेँ आके बसोँ मेरे श्याम ।
पाके खुशबू तेरी महकूँ जग मेँ तमाम ।
तेरे संग से मदहोश मैँ गाऊँ और नाँचू मैँ ।
दुनिया मेँ कै लाऊँ तेरी सुगान्धियाँ ।
ओढीँ श्याम नाम की चादरिया ।
श्याम मग्न हो नाँचू बावरिया ।।2
तेरे भक्तो को दर पे बुला लो हे श्याम ।
जग की मुश्किल को आस बना दो हे श्याम ।
तेरे गुण गाऊँगा , सब को बतलाऊँगा तु जगत का साँवरिया ।
ओढीँ श्याम नाम की चादरिया ।
श्याम मग्न हो नाँचू बावरिया ।।3
Oadhi Shyam Naam ki Chadariya
दुनिया मेँ कै लाऊँ तेरी सुगान्धियाँ ।
ओढीँ श्याम नाम की चादरिया ।
श्याम मग्न हो नाँचू बावरिया ।।2
तेरे भक्तो को दर पे बुला लो हे श्याम ।
जग की मुश्किल को आस बना दो हे श्याम ।
तेरे गुण गाऊँगा , सब को बतलाऊँगा तु जगत का साँवरिया ।
ओढीँ श्याम नाम की चादरिया ।
श्याम मग्न हो नाँचू बावरिया ।।3
Oadhi Shyam Naam ki Chadariya
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