पायल का एक घुँघरू ही बना लो
और उसे अपने चरणकमलों से लगा लो ||1
कान्हा जी हमे अपने कंगन नही तो
कंगन में जड़ा हुआ एक पत्थर ही बना दो
और उसे अपनी प्यारी कलाईयों में सजा लो ||2
कान्हा जी हमे अपनी मुरली नही तो
अपनी मुरली की कोई धुन ही बना लो
और उसे अपने अधरों से इक बार तो बजा लो ||3
कान्हा जी हमे अपना मित्रनही तो
दासो का दास ही बना लो
यूं कुछ कृपा दृष्टि हम पर बर्षा दो ||4
कान्हा जी और कुछ नही तो अपने
चरणों की धूल ही बना लो
वो चरणधूल फिर ब्रज में उड़ा दो ||5
सच कहूँ मेरे कान्हा जी देखना फिर
चरणों की धूलकण बन कैसे इतराऊँ मै ||6
Kanha ji hame apni payal nhi toh payal ka ek ghungru he bana lo

जय श्री राधे कृष्णा
यूं कुछ कृपा दृष्टि हम पर बर्षा दो ||4
कान्हा जी और कुछ नही तो अपने
चरणों की धूल ही बना लो
वो चरणधूल फिर ब्रज में उड़ा दो ||5
सच कहूँ मेरे कान्हा जी देखना फिर
चरणों की धूलकण बन कैसे इतराऊँ मै ||6
Kanha ji hame apni payal nhi toh payal ka ek ghungru he bana lo

जय श्री राधे कृष्णा
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