Roj Tarikh Badalti hai Roj Din badalte hai

Roj Tarikh Badalti hai Roj Din badalte hai

🌾 रोज तारीख बदलती है , रोज दिन बदलते है
🌾 रोज अपनी उम्र बदलती है , रोज समय भी बदलता है
🌾 हमारे नजरिये भी वक्त के साथ बदलते है
🌾 बस एक ही चीज है , जो नही बदलती 
🌾 और...वो है हम खुद
🌾 और...बस इसी वजह से हमें लगता है , की अब जमाना बदल गया है
🌾 किसी शायर ने खूब कहाँ है
🌾 रहने दे आसमां , जमीन की तलाश कर
🌾 सब कुछ यही है , कही और न तलाश कर
🌾 हर आरजू पूरी हो , तो जीने का क्या मजा
🌾 जीने के लिऍ बस एक खुबसुरत वजह की तलाश कर
🌾 ना तुम दूर जाना , ना हम दूर जायेंगे
🌾 अपने अपने हिस्से की दोस्ती निभायेंगे
🌾 बहुत अच्छा लगेगा , जिंदगी का ये सफर
🌾 आप वहाँ से याद करना , हम यहाँ से मुस्कूराएंगे
🌾 क्या भरोसा है जिंदगी का , इन्सान बुलबुला है पानी का
🌾 जी रहे है कपडे बदल बदल कर
🌾 एक दिन एक कपडे में ले जायेंगे , कंधे बदल बदल कर

🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁


post written by:

Related Posts

0 Comments: