Sadgun or avgun ke karan koi hira hai toh koi pathar

Sadgun or avgun ke karan koi hira hai toh koi pathar

। । सद्गुण और अवगुण के कारण कोई हीरा हैं तो कोई पत्थर हैं ।।

गाँव के कुएँ से तीन महिलाऐ पानी भर रही थी एक महिला का पुत्र वहाँ से निकला तो उसे देख कर वह महिला बोली, देखो वह मेरा पुत्र है यहाँ का सबसे बड़ा पहलवान है।
फिर दूसरी महिला का पुत्र वहाँ से गुजरा जिसे देख कर वो महिला बोली, देखो ये मेरा पुत्र बड़ा विद्वान है।
तभी तीसरी महिला का पुत्र वहा से जा रहा था, माँ को देख कर माँ के पास आया, पानी का घड़ा उठा लिया और बोला, चलो माँ घर चले।
उस माँ की ख़ुशी भरी आँखों के सामने उन दोनो महिलाओ की नज़रे झुक गयी, वो समझ चुकी थी कि सुपुत्र कौन है।

Moral:- गुण बताये नही जाते अपने आप दिख जाते हैं।

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