तुम अगर बक्श देने का वादा करो
मैं सदा आपके गीत गाता रहूँ ।
तुम हमेशा नज़र के रहो सामने
मैं सदा आपकी दीद पाता रहूँ ॥
तुम चरणों का चाकर बना लो मुझे
तुम गले से प्रभु गर लगा लो मुझे ।
भूल जाऊँगा सारे ज़माने के गम
उम्र भर फिर सदा मुस्कुराता रहूँ ॥1
मैं द्वारे पे जीवन बिताऊं तेरे
हर घडी गीत प्यारे मैं गाऊं तेरे ।
ख़तम हो ना प्रभु यह कभी सिलसिला
तुम बुलाते रहो मैं आता रहूँ ॥2
दिल को आज कोई भी हसरत नहीं
अब मुझे भी किसी से मोहौबत नहीं ।
मेरे होंठो पे हरदम तेरा नाम हो
मैं सदा आपकी ज्योत जगाता रहूँ ॥3
तुम अगर बक्श देने का वादा करो
मैं सदा आपके गीत गाता रहूँ ।
तुम हमेशा नज़र के रहो सामने,
मैं सदा आपकी दीद पाता रहूँ ॥4
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