टूटा तारा देख कर दिल ने कहा मांग ले तू फ़रियाद कोई,
मैंने कहा जो खुद टूट रहा है कैसे पूरी करेगा वो मुराद कोई..
इस मतलबी दुनिया को ध्यान से नहीं, धन से मतलब है। भजन से नहीं, भोजन से व सत्संग से नहीं, राग-रंग से मतलब है। सभी पूछते हैं कि घर, परिवार व व्यापार कितना है। कोई नहीं पूछता कि भगवान से प्यार कितना है।.

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