
में तो वृन्दावन को जाऊ सखी
मेरे नैना लगे बिहारी से
घर में खाऊ रुखी सुखी ,
मुहे माखन मिले बिहारी से ,
मेरे नैना लगे बिहारी से||1||
घर पहरु फट्टे पुराने ,
मोहे रेशम मिले बिहारी से ,
मेरे नैना लगे बिहारी से||2||
घर में सास ननदिया लादे हे ,
मोहे आनंद मिले बिहारी से,
मेरे नैना लगे बिहारी से,||4||
घर में होए नित खीच खीच बजी
मोहे सत्संग मिले बिहारी से .
मेरे नैना लगे बिहारी से||5||
में तोह वृन्दावन को जाऊ सखी
मेरे नैना लगे बिहारी से।।
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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