मेरा गोपाल गिरधर जमाने से निराला हैरंगीला है रासिला है,

मेरा गोपाल गिरधर जमाने से निराला हैरंगीला है रासिला है,




मेरा गोपाल गिरधर जमाने से निराला है
रंगीला है रासिला है, ना गोरा है ना काला है

कभी सपनो में आ जाना, कभी रूपेश हो जाना
ये तरसाने का मोहन ने, निराला ढंग निकाला है||1||

तुम्हे मैं भूल तो जांऊ भूले नही बनता
तुम्हारी सावरी सूरत, ने कुछ जादू सा कार डाला है||2||

कभी वो रूठ जाता है कभी वो मुस्कारता है
इसी दर्शन कि खातिर तो बड़े नाज़ओ से पाला है||3||

कही ओखल से बँध जाता है कही गावल्लो से मिल जाता है
तुम्हारी बाल लीला ने अजब जादू सा डाला है||4||

तुम्हे मुझसे हाज़रो है, मगर मेरे तुम्ही तुम हो
यह मन गोपाल मंदिर है तुम्हारा देखा भाला है||5||

''जय श्री राधे कृष्णा ''

Previous Post
Next Post

post written by:

0 Comments: