बड़ी देर भई, हे श्यामसुंदर |अब आओ ह्रदय समा जाओ।।हे

बड़ी देर भई, हे श्यामसुंदर |अब आओ ह्रदय समा जाओ।।हे



बड़ी देर भई, हे श्यामसुंदर |
अब आओ ह्रदय समा जाओ।।

हे गिरिरजधरण,मन-भावन!
निज चरनन चित, अटकाओ।।1||

चौरासी के फेर पड़यो हों,अबतक।
अब चौरासी कोस ही में, उलझाओ।।2||

रसिक शिरोमणि हे श्री वल्लभ!
थोड़ा रसपान करा जाओ।।3||

'स्यामदास' के प्रभुन बिहारीजी।
भवसिन्धु पार करा जाओ।।4||

''जय श्री राधे कृष्णा ''


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