प्रितम हमारो प्यारो गिरधारी है ॥मोहन अनाथ नाथ ,संतन के

प्रितम हमारो प्यारो गिरधारी है ॥मोहन अनाथ नाथ ,संतन के



प्रितम हमारो प्यारो गिरधारी है ॥

मोहन अनाथ नाथ ,संतन के डोले साथ ,
बेद गुण गावे गाथ, गोकुल बिहारी है ॥1||

कमल बिसाल नैन ,निपट रसिले बैन ॥
दीनन को सुख दैन ,चार भुजा धारी है ॥2||

केशव कृपा निधान ,वाही सो हमारो ध्यान ,
तन मन वारूँ प्रान जीवन मुरारी है ॥3||

सुमिरूँ मै साँझ भोर, बार बार हाथ जोर ,
कहत प्रीति के वो राधे की दुलारी है ॥4||

''जय श्री राधे कृष्णा ''


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